15 अगस्त 2019 के बारिश भरे वीकेंड में इस बार हम बैठे थे मनाली में. एक तो हमप्ता पास ट्रेक करने का सीन था और ऊपर से Lagom Home Stay, Manali वाले हर्ष भाई साहब का भी बुलावा था. हर्ष शिमला के रहने वाले हैं और आजकल मनाली के जगतसुख में अपने कुछ दोस्तों के साथ रहते हैं. घर किराये पर ले रखा है और क्योंकि घर बड़ा है तो इन्होंने यहाँ लाइक माइंडेड लोगों को होस्ट करना शुरू कर दिया – Airbnb की मदद से.
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जब हमारा मनाली जाने का प्लान बना तो सबसे पहले हर्ष भाई को इत्तला किया गया – पता चला कि घर पर जगह नहीं है, गेस्ट आए हुए हैं. हमने कहा कोई नहीं, हम गार्डन में टेंट लगा लेंगे, वैसे भी अगले दो दिनों में हमप्ता ट्रेक पर जाना है.
शनिवार दोपहर को मनाली से जगतसुख की टैक्सी लेकर अपन पहुँच लिए हर्ष भाई के घर. कुछ 15 मिनट तक बिलकुल मेन सड़क और जैसे ही आप सड़क से नीचे गली में आते हो – एकदम से दुनिया बदली दिखेगी. मनाली के शोर-शराबे से दूर, सेब के पौधों और गुलाब, गेंदे से लदी गली से होते हुए, हर्ष भाई हमें लेकर आए अपने घर. – Lagom Stay.
“Lagom एक स्वीडिश शब्द है जिसका मतलब है बिलकुल सही मात्रा में – न ज्यादा न कम. हम एक ऐसी जगह बनाना चाहते थे जहाँ आपको सब कुछ पर्याप्त मात्रा में मिले – घर जैसा खाना, अपने जैसे लोग और बिलकुल घर जैसा घर.” – हर्ष ने Lagom Stay सही में ऐसा ही बनाया हुआ है. घर के कैंपस में घुसते ही एक छोटा सा गार्डन है. सेब के पौधे और दूसरे तमाम तरह के फूल आपके स्वागत में खड़े मिलेंगे।
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“गार्डन में कहीं भी लगा लो” – लिविंग रूम में सामान रखते ही हमने सबसे पहले टेंट लगाने की जगह के बारे में पूछा. हिमाचल के ऐसे होम स्टे का एक सबसे बड़ा फायदा यही है – आप कहीं भी फ़ैल जाओ. बिलकुल घर की तरह. टेंट की जगह डिसाइड करके, अपन फ़्रेश वगैरह हो लिए.
“आओ आपको घर दिखाते हैं” – लिविंग रूम के ऊपर वाली गैलरी से हर्ष की आवाज़ आई. तब तक अपन लिविंग रूम में बैठे तो थे पर नज़रें थी किसी ऐसे कोने पर जहाँ बैठ कर अपने हिसाब से सीन सेट किया जा सके. हर्ष हमें ऊपर बने दोनों बेडरूम्स दिखाते हैं – “पहला रूम तो आपने देख लिया, सिंपल और शांत – खिड़की से व्यू वाला. इसमें मेरी चाची जी रह रही हैं।
अब ये वाला देखो – इसी में गेस्ट्स रुके हुए हैं. अभी भृगु लेक ट्रेक पर गए हैं, 3-4 दिन बाद आएँगे.अपना सामान लॉकर में रखवा कर गए हैं. इस बेडरूम में तो मैंने ऐटिक बना रखा है और इधर है इसकी बालकनी.
जब तक हर्ष बाकी के डिटेल्स बताते, अपन पहुँच लिए बालकनी में – “हर्ष, यहाँ बैठ सकते हैं हमलोग? कोई दिक्कत तो नहीं होगी गेस्ट्स की वजह से”– दरअसल बालकनी है इसी कमरे से अटैच्ड.
“हाँ-हाँ, क्यों नहीं! अरे यार, अपने घर जैसा ही समझो। गेस्ट्स तो जब आएंगे तब – तब तक उनका सामान सेफ है और इसी बहाने उनके आने से पहले इधर की सफाई हो भी जाएगी” – दो मिनट में हर्ष गद्दे और बैठने की व्यवस्था के साथ हाज़िर।
अब आपको और क्या चाहिए – टेक लगाने को दीवार और तकिए, सामने पूरी मनाली का नज़ारा और ऊपर से किचन में जाकर हमने बना ली अपने हिसाब की अदरक वाली चाय. रात 1 बजे तक, जब तक खाना बनकर तैयार नहीं हुआ, हम, हर्ष और उनकी चाची – सब यहीं पड़े रहे.
दुनिया जहान के क़िस्से, स्टीरियोटाइप, क्लीशे, पोलटिक्स, सिनेमा, म्यूज़िक, फूड, लाइफ – ओल्ड मोंक तो ख़त्म हो गई पर क़िस्से अगली सुबह उठने के बाद भी जारी. वो कहते हैं न कुछ जगहें होती ही ऐसी हैं, they make you feel home. Lagom Stay हमारे लिए उस रात बिलकुल घर जैसा था, घर से दूर. हर्ष भाई – थैंक यू!
आपका कभी मनाली जाना हुआ तो आप हर्ष के मेहमान बन सकते हैं. Lagom Stay की कुछ और तस्वीरें और डिटेल्स:
How to reach Lagom Homestay in Malai: From Manali bus stand, board any bus going towards Naggar. Jagatsukh is just 5.5 km and it would take you half an hour and the bus ticket would be INR 10. A private taxi from Manali would cost you INR 500. Contact Harsh at 08447573002 if you plan to drop by.
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2 thoughts on “Lagom Stay – मनाली की भसड़ से दूर, बिलकुल घर जैसा होमस्टे”