सन्नी देओल वाली बॉर्डर फ़िल्म याद है आपको? फ़िल्म में एक मंदिर का क़िस्सा है. सुनील शेट्टी और पुनीत इस्सर कुछ आर्मी पोस्ट को धमाकों में उड़ते हुए देख रहे हैं. बम धमाकों के बीच एक छोटा सा मंदिर होता है. बम धमाके इस मंदिर का बाल भी बाँका नहीं कर पाते हैं. फिर सुनील अन्ना का वो तगड़ा डायलॉग आता है — “जीत हमारी ही होगी, देवी मां हमारे साथ है”. जीत तो हमारी ही हुई, पर यह नहीं पता कि देवी माँ के कारण हुई या फिर हमारे जांबाज़ फ़ौजियों के कारण.
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कुछ भी हो पर फ़ौजियों की बड़ी श्रद्धा है इस मंदिर में. इस मंदिर का रखरखाव, पूजा-वूजा सब BSF वाले ही करते है. अब तक हमने जितने भी मंदिर देखे हैं, उनमें से सबसे साफ़ सुथरा और व्यवस्थित है — आरती के समय सभी कतारों में बैठे होते हैं, न कि इधर उधर भाग रहे होते है.
यह मंदिर है जैसलमेर जिले के तनोट गाँव में. गाँव का नाम देवी तनोटराय माता के नाम पर ही रखा गया है. जैसलमेर से कोई 120 किलोमीटर दूर, इंडो पाक बॉर्डर से सटा हुआ यह मंदिर स्थानीय निवासियों की श्रद्धा का केंद्र है.
मंदिर का बॉर्डर फ़िल्म और युद्ध के अलावा भी पाकिस्तान से बेहद खास रिश्ता है. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार बलूचिस्तान स्थित हिंगलाज माता का ही अवतरण है तनोटराय. तनोटराय को आवड के नाम से भी जाना जाता है. यह कहानी काफी लंबी है पर है बेहद ही दिलचस्प, तो इसको किसी और रोज़ के लिए रखते हुए आगे बढ़ते है.
किसी समय तनोट गाँव माड़ देश (वर्तमान जैसलमेर) की राजधानी हुआ करता था। बॉर्डर के पास होने के कारण आम जनता को मंदिर और गाँव से आगे जाने की अनुमति नहीं है पर फिर भी आर्मी की ख़ास अनुमति के बाद, आप आगे बॉर्डर तक जा सकते हैं.
सन 1965 और 71 के भारत-पाक युद्ध के दौरान मंदिर के आस पास पाकिस्तानी फ़ौज द्वारा गिराए गए बम नहीं फटे थे. ये बम आज भी मंदिर के साथ बने संग्रहालय में रखे है. बमों के ना फटने का कारण देवी का चमत्कार बताया जाता है. यह हो भी सकता है. पर हम तो कहेंगे की बम पाकिस्तानी थे — फ़ुस्स ही होंगे न.
अब अगर कभी जैसलमेर आने का प्लान बने तो किले और सम के अलावा इस तरफ भी रुख़ करिएगा. रास्ता बेहद ही खूबसूरत है, अच्छी सड़क और मस्त नज़ारे — अगर बाइक से आ सकते है तो सोने पे सुहागा हो जाएगा. नीचे कुछ ज़रूरी जानकारी शेयर कर रहे हैं, आपके काम आ सकती है:
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How to reach Tanot Mata Temple
Tanot Mata temple and Tanot village is located around 122 kilometers from Jaisalmer city. It can be reached via road only, as of now there is a railway line being constructed on this route. Private taxis, shared cabs and buses are available from Jaisalmer easily.
Best time to visit Tanot Mata Temple
Generally, the Thar Desert is best visited during winters but one can visit Tanot Mata Temple during the two annual fairs which take place according to the Hindu calendar for the Navraatri Festival (usually falls in the months of April and October respectively). Monsoon can also be a good time to visit Tanot Mata Temple.
Stay options at Tanot Mata Temple
There is a dharamshala inside the Tanot Mata Temple complex which is run by BSF. Accommodation can be arranged there. Just outside the temple, there are some food joints which serve local food.
लो जी!
हमने पूरी जानकारी दे दी है मंदिर तक पहुँचने और यहाँ रहने की. कभी जाना हुआ तो वापस आकर कहानी ज़रूर सुनाईयेगा अपने ट्रिप की! और अगर मंदिर आप देख आए हैं तो अपने ट्रिप की कहानी नीचे कमेंट में बताईये। कोई और ऐसा मंदिर आप जानते हों जो हमें देख कर आना चाहिए तो जानकारी शेयर करिए!
हम भी हो आएंगे!